गझल |
जे जसे आहे तसे स्वीकारतो मी शेवटी... |
बेफिकीर |
गझल |
निराधार |
सोनाली जोशी |
गझल |
पाहिजे ते.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
वाटे कधी कधी |
कैलास |
गझल |
''चेहरा'' |
कैलास |
गझल |
धीट माझी प्रीत होती |
सोनाली जोशी |
गझल |
मनात माझ्या कुठून येते बरेच काही? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
घराणी |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
चंद्र झालो मी कुणाचा अन किती डागाळलो मी.. |
सोनाली जोशी |
पृष्ठ |
कधी कधी |
ज्योती बालिगा-राव |
गझल |
कवडसा |
बापू दासरी |
गझल |
बदनाम.. |
शाम |
गझल |
तू कधी ही न रागावली पाहिजे |
कैलास |
गझल |
अवेळी अशा.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
पुढारी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
फडफडतो काळजात माझ्या... |
वैभव देशमुख |
गझल |
काल ज्या क्षणी तुला मी पाहिले प्रिये |
कैलास |
गझल |
...शांत समईसारखा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
रेंगाळणे |
अनंत ढवळे |
गझल |
इकडे कुठे रे आज... या भागात? |
बेफिकीर |
गझल |
धोका |
क्रान्ति |
गझल |
'' तीळ '' |
कैलास |
गझल |
खेळ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
वाटते बोलायचे राहून गेले |
कैलास |
गझल |
कोण आहे तुझा मी? |
ज्ञानेश. |