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कधी कधी |
ज्योती बालिगा-राव |
गझल |
खुशाली |
क्रान्ति |
गझल |
एक पाखरु फांदीवर... |
वैभव देशमुख |
गझल |
...काळजी नको ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जे जसे आहे तसे स्वीकारतो मी शेवटी... |
बेफिकीर |
गझल |
... किती लाचार व्हावे ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
वाटे कधी कधी |
कैलास |
गझल |
तू भेटली नव्हतीस तोवर |
मिल्या |
गझल |
आता माझी एक ओळही मलाच भावत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
तुझे ठसे... |
ज्ञानेश. |
गझल |
कोण आहे तुझा मी? |
ज्ञानेश. |
गझल |
अढी कपाळावरील जेव्हा मनात गेली.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
एक उदासी खोलीभर.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
नकार गर्भरेशमी |
मिल्या |
गझल |
खेळ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
आयुष्याला अमुच्या....... |
वैभव देशमुख |
गझल |
पुनर्भेट |
ज्ञानेश. |
गझल |
कसे मानू तुला माझा... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
नियम |
कुमार जावडेकर |
गझल |
तुझ्याविना हे शहर तुझे |
वैभव जोशी |
गझल |
कुठे नेतील या वाटा मनाला.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
कधीच नाही |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
बदनाम.. |
शाम |
गझल |
माहीत नाही... |
जिज्ञासा... |
गझल |
तू कधी ही न रागावली पाहिजे |
कैलास |