भटसाहेबांच्या सहवासात... |
प्रदीप कुलकर्णी |
भटसाहेबांच्या सहवासात... |
प्रदीप कुलकर्णी |
ज्योत छोटीशी जरी.. रसग्रहण |
केदार पाटणकर |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-९ : टूटी है मेरी नीं... |
मानस६ |
आपले रडणे....एक रसग्रहण |
केदार पाटणकर |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
पहा ग़ालिब काय म्हणतो |
विश्वस्त |
हरफनमौला सुरेश |
विश्वस्त |
शे(अ)रो-शायरी , भाग १०: वह शख़्स कि म... |
मानस६ |
देवनागरीत असे लिहावे! |
निनावी (not verified) |
शे(अ)रो शायरी, भाग-८ : कभी नेकी भी उसक... |
मानस६ |
शे(अ)रो शायरी, भाग-७ : वो लब कि जैसे स... |
मानस६ |
बातचीत भटांशी |
निनावी (not verified) |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-४ : खिलौने नहीं चलते |
मानस६ |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-२: पा-ब-गिल सब है |
मानस६ |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
शे(अ)रो शायरी, भाग-६ : तफरीह का सामान क... |
मानस६ |
शे(अ)रो शायरी, भाग-५ : दोस्ती से दुश्मन... |
मानस६ |
सहज मनापर्यंत पोहोचलेले.... |
ह बा |
एका उन्हाची कैफियत...ऐकण्यासारखी |
केदार पाटणकर |
माझ्या काळाचा अनुवाद |
विश्वस्त |
खरे तर दार वा-याने... |
केदार पाटणकर |
शेरो-शायरी : प्रस्तावना |
मानस६ |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-३ : तुम्हारे खत में |
मानस६ |
सुरेश भटांच्या त्या दोन ओळी... |
अजय अनंत जोशी |