नवे लेखन
| शीर्षक | लेखक | |
|---|---|---|
| विजा घेऊन- १ | विश्वस्त | |
| रंग माझा वेगळा - लता मंगेशकर ह्यांचे... | विश्वस्त | |
| रंग माझा वेगळा प्रास्ताविक -पु. ल.... | विश्वस्त | |
| गझलेची बाराखडी | विश्वस्त |
मी जरी हासून आता बोलतो आहे ऋतूंशी
ऐन तारुण्यात माझा चेहरा गंभीर होता !
| शीर्षक | लेखक | |
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