गझल |
तुकारामा.. |
रुपेश देशमुख |
गझल |
शब्द बेईमान झाले आज इतके काय सांगू? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
प्राक्तन फ़िदाच झाले |
गंगाधर मुटे |
गझल |
फडफडतो काळजात माझ्या... |
वैभव देशमुख |
गझल |
साचला अंधार आहे... |
वैभव देशमुख |
गझल |
कळले नाही |
क्रान्ति |
गझल |
कसा मी करावा खुलासा मनाचा... |
विद्यानंद हाडके |
गझल |
''भारतीय'' |
कैलास |
गझल |
शब्द माझे |
वैभव जोशी |
गझल |
माझ्या तुझ्यात काही |
जयन्ता५२ |
गझल |
प्रवासी |
आनंदयात्री |
गझल |
एक इरादा हसण्याचा |
वैभव जोशी |
गझल |
अंतरातली व्यथा अंतरी जपायची |
मिल्या |
गझल |
मी तसा माणूस आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
ये जवळ |
वैभव देशमुख |
गझल |
कोण आहे तुझा मी? |
ज्ञानेश. |
गझल |
समिकरणे |
क्रान्ति |
गझल |
वाटे पुन्हा पुन्हा.. |
बहर |
गझल |
भीती |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
पापणी अद्याप माझी... |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-४ : खिलौने नहीं चलते |
मानस६ |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-२: पा-ब-गिल सब है |
मानस६ |
गझललेख |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-६ : तफरीह का सामान किया जाये |
मानस६ |
गझल |
ही माणसे घनदाट देवासारखी |
निलेश कालुवाला |