गझल |
होतीस तू |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
सध्या! |
मधुघट |
गझल |
शब्दांत प्राण आले |
ॐकार |
पृष्ठ |
पेंग- दीपक करंदीकर |
निनावी (not verified) |
गझल |
पंढरी |
मिल्या |
गझल |
उधाणलेला समुद्र.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
झेलू |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
इतके दव त्या रस्त्यावरती पडले होते... |
ज्ञानेश. |
गझल |
भेटत राहू |
केदार पाटणकर |
गझल |
गझल |
मिलिंद फणसे |
गझल |
कसे मानू तुला माझा... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
कसे मानू |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
गुंजते कानात हाळी... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
सहज फिराया आलेला सासरला श्रावण. |
ह बा |
गझल |
कचरा |
अलखनिरंजन |
गझल |
|| मुखवटा || |
आकाश |
गझल |
जाहला बराच वेळ... |
ज्ञानेश. |
गझललेख |
खरे तर दार वा-याने... |
केदार पाटणकर |
गझल |
पुनर्भेट |
ज्ञानेश. |
पृष्ठ |
चळ |
सदानंद डबीर |
गझल |
काय झाले जरी गेला तडा |
जयन्ता५२ |
गझल |
तळ |
मिलिन्द हिवराले |
गझल |
दु:ख माझे सोबती ! |
प्रशान्त वेळापुरे |
गझल |
जागू नको |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
..ते मोहरू |
अनिल रत्नाकर |