गझल |
...त्याचीच ओढा री पुन्हा!! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
फार झाले |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
मागचे येतील नंतर |
केदार पाटणकर |
गझल |
जाहला बराच वेळ... |
ज्ञानेश. |
गझल |
टाळीबाज |
पुलस्ति |
गझल |
मी क्धी ना अड्वले |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
बघ तुझ्या येण्यामधे हे केवढे मांगल्य आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
पाणपोई |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
व्यथा |
मिलिंद फणसे |
गझल |
आकांत |
क्रान्ति |
गझल |
बोलण्याने बोलणे वाढेल आता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
ह्या कशा उबदार ओळी... |
वैभव जोशी |
गझल |
अमर कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
'चुकलो' म्हणेन मी तर सोकावतील सारे |
चक्रपाणि |
गझल |
प्रीती सखे मलाही का परवडू नये...? |
विशाल कुलकर्णी |
गझल |
...विचार एखादा |
वैभव जोशी |
गझल |
अशी गोड तू... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
केवढे छान दिवस होते ते |
बेफिकीर |
गझल |
गाव हा आटपाट स्वप्नांचा |
प्रसाद लिमये |
गझल |
हा स्वत्वाचा तपास मानू आता |
बेफिकीर |
गझल |
कशाला ? |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
होकार |
आनंदयात्री |
गझल |
...पण सुरूच आहे रहदारी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
लंब |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
उपकार |
प्रल्हाद देशपान्डे |