गझल |
दिसे दिसायास... |
वैभव देशमुख |
गझल |
क्षण तो सोसाट्याचा होता |
वैभव देशमुख |
गझल |
रात्र आली.... |
वैभव देशमुख |
गझल |
एक पाखरु फांदीवर... |
वैभव देशमुख |
गझल |
बंद दिवसाच्या घराचे दार ... |
वैभव देशमुख |
गझल |
तुझे स्वच्छ हासू झळाळी उन्हाची... |
वैभव देशमुख |
गझल |
चाहुलीची तुझ्या चमक... |
वैभव देशमुख |
गझल |
ती नदी गेली कुठे... |
वैभव देशमुख |
गझल |
मोजकी उन्हे , मोजक्या सरी |
वैभव जोशी |
गझल |
वगैरे... |
वैभव जोशी |
गझल |
दिशा गातात ह्या जेव्हा ... |
वैभव जोशी |
गझल |
तुझ्याविना हे शहर तुझे |
वैभव जोशी |
गझल |
...विचार एखादा |
वैभव जोशी |
गझल |
जगून काय साधले |
वैभव जोशी |
गझल |
ह्या कशा उबदार ओळी... |
वैभव जोशी |
गझल |
शब्द माझे |
वैभव जोशी |
गझल |
असा श्वासांत येतो प्रास |
वैभव जोशी |
गझल |
एक इरादा हसण्याचा |
वैभव जोशी |
गझल |
संकटे |
वीरेद्र बेड्से |
गझल |
वळता वळता |
वीरेद्र बेड्से |
गझल |
देखावे.. |
विसोबा खेचर |
गझल |
वस्ती..! |
विसोबा खेचर |
गझल |
बुरखा |
विसुनाना |
गझल |
छेद |
विसुनाना |
गझल |
खंत |
विसुनाना |