गझल |
मुंबई - इलाही जमादार |
मीर क्षीरसागर |
गझल |
ऋतुंची ऐकली कुजबूज मी |
बेफिकीर |
गझल |
मी विस्कटल्या खोलीत मनाच्या.. |
बहर |
गझल |
ज्या क्षणी मी थांबलो, ती थांबली |
जयदीप |
गझल |
विदूषक |
प्रसाद लिमये |
गझल |
पुन्हा केव्हातरी |
क्रान्ति |
गझल |
रस्ता |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
तिजोरी |
आदित्य_देवधर |
गझल |
मैत्री |
प्रसाद कुलकर्णी |
गझल |
उधाणलेला समुद्र.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
बेसुरी सुरुवात... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
बुरखा |
विसुनाना |
गझल |
भूल |
चक्रपाणि |
गझल |
शेवट |
चक्रपाणि |
गझल |
पोचुनी दारी तुझ्या |
कुमार जावडेकर |
गझल |
गप्प ३. |
तिलकधारीकाका |
गझल |
घराणी |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
शहर झाले चांदण्याचे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
प्रेम बर्फासारखे... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
चुंबने घेउनी जे तुला बोचले.... |
खलिश |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |
गझल |
गझल : ज्यामुळे जग ही नशीली रम्यता राखून आहे |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
अंतरास जाळते व्यथा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
शायरी का न यावी |
भूषण कटककर |
गझल |
...थांबवू नको मला! |
मधुघट |