गझल |
जाहले तारे किती ? |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
रीत माझी... (हझल) |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
असे पाण्यामुळे गंगा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
ठराव नक्की मिळेल अंतर |
अजय अनंत जोशी |
गझललेख |
सुरेश भटांच्या त्या दोन ओळी... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
कारण कधीच नव्हते |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
उगीच का प्राण.... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
चढलेल्यांना निम्मा करतो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
कधी र्हस्व माझाच मी दीर्घतो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
... राहिलो मी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
इच्छा .. |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
सगळ मान्य |
अतुल कुलकर्णी |
गझल |
गझल |
अनंत ढवळे |
गझल |
केवढी आग लागली होती |
अनंत ढवळे |
गझल |
गझल |
अनंत ढवळे |
गझल |
कुणीच नव्हते आले निरोप देण्यासाठी ... |
अनंत ढवळे |
गझल |
गझल - वाटते आहे |
अनंत ढवळे |
गझल |
द्वैत जन्मातले सरे बंधो... |
अनंत ढवळे |
गझल |
सांगतो प्रत्येक जण गर्दीतला..... |
अनंत ढवळे |
गझल |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
गझल |
अनंत ढवळे |
गझल |
रेंगाळणे |
अनंत ढवळे |
गझल |
गझल-आजही |
अनंत ढवळे |
गझल |
मला तुझ्या धर्माची भीती |
अनंत ढवळे |
गझल |
खिन्न शेते... |
अनंत ढवळे |