गझल |
... किती लाचार व्हावे ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
निराशा |
आदित्य_देवधर |
गझल |
रात्रभर |
पुलस्ति |
गझल |
आता माझी एक ओळही मलाच भावत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
एक पाखरु फांदीवर... |
वैभव देशमुख |
गझल |
निराधार |
सोनाली जोशी |
गझल |
जे जसे आहे तसे स्वीकारतो मी शेवटी... |
बेफिकीर |
गझल |
पाहिजे ते.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
एकटा सागरकिनारा एकटा |
चित्तरंजन भट |
गझल |
वाटे कधी कधी |
कैलास |
गझल |
धीट माझी प्रीत होती |
सोनाली जोशी |
गझल |
आवरण |
ज्ञानेश. |
गझल |
तुझे ठसे... |
ज्ञानेश. |
गझल |
मनात माझ्या कुठून येते बरेच काही? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
''चेहरा'' |
कैलास |
गझल |
फुलासारखी... |
ज्ञानेश. |
गझल |
घराणी |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
आता |
मिल्या |
गझल |
....सारे मला मिळाले !!! (गझल). |
supriya.jadhav7 |
गझल |
...शून्य माझी कलमकारी !! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
सूर्य माझ्या मागुनी येणार होता |
कैलास गांधी |
गझल |
चांदण्या लेऊन झाला... |
ह बा |
गझल |
संपत नाही |
केदार पाटणकर |
गझल |
अंगार चित्तवेधी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
... या नभी अंधारवेना |
अजय अनंत जोशी |