गझल |
गारवा..! |
मी अभिजीत |
गझल |
मुलाहिजा |
चित्तरंजन भट |
गझल |
स्मशानात जागा हवी तेवढी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
..मी कुठे काही म्हणालो ? |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
ज्या क्षणी मी थांबलो, ती थांबली |
जयदीप |
गझल |
कुठे म्हणालो?... (अजब) |
अजब |
गझल |
ह्या मनाचे, दुश्मनाचे काय करावे ?.... |
खलिश |
गझल |
श्रीमंत प्रेयसी |
भूषण कटककर |
गझल |
रात्र आली.... |
वैभव देशमुख |
गझल |
सवाल... |
अमित वाघ |
गझल |
...घट एकांतात झरावा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
निघाले अर्थ नाही ते तुझ्या वाटेत येण्याचे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
जाग |
काव्यरसिक |
गझल |
जे कधी न जमले मजला |
सरदेसाई |
गझल |
ना कळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
सांग कोठे माणसा आहेस तू |
चित्तरंजन भट |
गझल |
सफाई पाहिजे अजुनी |
भूषण कटककर |
गझल |
खुशाली |
आनंदयात्री |
गझल |
सारे वसंत... |
विद्यानंद हाडके |
गझल |
तू दिलेल्या वेदना |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
हवे मधे किती छान गारवा होता..... |
खलिश |
गझल |
विमान माझे तयार होते ! |
मयुरेश साने |
गझल |
नवरे |
भूषण कटककर |
गझल |
...जमेल तेंव्हा |
जयन्ता५२ |
गझल |
विराणी |
मिलिंद फणसे |