गझल |
गर्दी |
आदित्यदेवधर |
गझल |
संपत नाही |
केदार पाटणकर |
गझल |
हुंदका उरातच गोठवायचा आहे |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
गझले तुज अर्पण हे तन-मन्-धन... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
..... पुन्हा पुन्हा ! |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
शब्द बेहोश कर.. |
सुशांत खुरसाले. |
गझल |
कशाला ? |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
चंदन |
पुलस्ति |
गझल |
सौदा |
आनंदयात्री |
गझल |
पाऊल वळले... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
उपकार |
प्रल्हाद देशपान्डे |
गझल |
ओळख |
मधुघट |
गझल |
जगून घे |
आदित्य_देवधर |
गझल |
हुंदका ओठातला पोटात नाही |
supriya.jadhav7 |
गझल |
झेंडा |
विसुनाना |
गझल |
खून केले... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
फुलांना जर असे |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
ना दिवाळी पाहिली या लक्तराने !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
असा मी असामी |
भूषण कटककर |
गझल |
गझल-" म्हणून जगणे आले"- |
विदेश |
गझल |
आज का? |
क्रान्ति |
गझल |
''तुझ्याविना या जगात माझा जगावयाला नकार आहे'' |
कैलास |
गझल |
एक कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
आयुष्य |
पुलस्ति |
गझल |
...लुप्त |
ज्ञानेश. |