गझल |
हे तेच ते दिनरात.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
लोक |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
आयुष्य गोल आहे |
मिल्या |
गझल |
शेवटी झोपायचे आहे सदासाठी तुला |
बेफिकीर |
गझल |
सरळ वागून ती वागली वाकडी |
निलेश कालुवाला |
गझल |
गझल तालात चालावी |
भूषण कटककर |
गझल |
ज्या मरणाला ... |
संतोष बडगुजर |
गझल |
जाळीत फक्त जगणे |
अवधुत |
गझल |
अंतरास जाळते व्यथा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
तुझे घन आजही बरसून माझी आसवे गेले |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
मन्मना...! |
काव्यरसिक |
गझल |
सध्या! |
मधुघट |
गझल |
...अंदाज आगळा आहे! |
मधुघट |
गझल |
आम्ही तहात गेलो! |
मानस६ |
गझल |
भेटाया आल्या गझला, त्याच्या नंतर. |
ह बा |
गझल |
अजून कोणी तरी मनाशी...(जुनी) |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
पुन्हा केव्हातरी बोलू... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
प्रवास |
सोनाली जोशी |
गझल |
सुकावे लागले |
क्रान्ति |
गझल |
मला ठावुक की... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
प्रश्न आहे असा.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
रोजचेच.. (तरही गझल) |
ज्ञानेश. |
गझल |
काव्य जगावे |
क्रान्ति |
गझल |
कुठे म्हणालो परी असावी |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
वेड तो लावून गेला (गझल) |
मनिषा नाईक. |