गझल |
तुझा दोष नाही |
क्रान्ति |
गझल |
नाबाद |
बहर |
गझल |
जमले नाही.... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
सुकावे लागले |
क्रान्ति |
गझल |
फुलांना दंश काट्यांचे हवे होते..... |
खलिश |
गझल |
मनाच्या अडगळीमधले बिलोरी आरसे शोधू |
जयदीप |
गझल |
वाहलो मी |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
गझल माझी तसतशी |
भूषण कटककर |
गझल |
मिळेल का दोन घोट पाणी..... |
अनंत ढवळे |
गझल |
मनाला |
क्रान्ति |
गझल |
वादात या कुणीही सहसा पडू नये |
क्रान्ति |
गझल |
ही सरिता रुसली आज किनाऱ्यावरती... |
मानस६ |
गझल |
पाहतो श्वासात कोठे . .लागतो काही सुगावा |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
भाव |
क्रान्ति |
गझल |
देवुनी तुझे तुला निघायचे मला.. |
शाम |
गझल |
आता ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
पुसणारे नसताना कोणी अश्रू ढाळायचे कशाला... |
मयुरेश साने |
गझल |
तुला या शोधती तारा |
rind |
गझल |
स्वप्नं मोहरणार... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
इथे तर पानगळ बहरात आहे |
जयन्ता५२ |
गझल |
जिथे मी पोचलो तेथे तुझे माहेर होते |
बेफिकीर |
गझल |
तुझा चेहरा |
सोनाली जोशी |
गझल |
तरी हुंदक्यांना गिळावे किती? |
गंगाधर मुटे |
गझल |
पापणी अद्याप माझी... |
केदार पाटणकर |
गझल |
थांबवा हे जग |
जयन्ता५२ |