गझल |
व्यर्थ जगणे ! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
....सारे मला मिळाले !!! (गझल). |
supriya.jadhav7 |
गझल |
तू ..... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
आवेग दाटलेला !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
रात्र झाली फ़ार आता !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
छंद.... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
कोजागिरी !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
अबोली !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
भेट एकदा |
अगस्ती |
गझल |
हात तुझा हातात |
अगस्ती |
गझल |
सफल |
अगस्ती |
गझल |
'गालिब'च्या गजलेचा भावानुवाद |
अजब |
गझल |
वार कुणावर... |
अजब |
गझल |
गर्दी... |
अजब |
पृष्ठ |
बशीर बद्रच्या शेरांचा भावानुवाद |
अजब |
गझल |
भान माझे... (अजब) |
अजब |
गझल |
नशीब माझे... |
अजब |
गझल |
तसा कुणाला... |
अजब |
गझल |
कुठे म्हणालो?... (अजब) |
अजब |
गझल |
जगणे असते... (अजब) |
अजब |
गझल |
मी खरे बोललो तेव्हा |
अजब |
गझल |
स्वप्नांच्या दुनियेत ... |
अजब |
गझल |
स्त्री समीप येते ... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
मी ही तुझ्यात आहे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
सत्य |
अजय अनंत जोशी |