गझल |
घराणी |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
फुलांचा रस्ता.... |
वैभव देशमुख |
गझल |
एकटा सागरकिनारा एकटा |
चित्तरंजन भट |
गझल |
आवरण |
ज्ञानेश. |
गझल |
केवढे चालणे हे मजल दरमजल..... |
बेफिकीर |
गझल |
..उशीर |
ज्ञानेश. |
गझल |
बोलणे माझे ... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
विरह |
कैलास |
गझल |
कुठे म्हणालो परी असावी |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
किती सोपे मला हे प्रेम करणे वाटले होते... |
बहर |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
गझल |
मनात माझ्या कुठून येते बरेच काही? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
कोणी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
जपलेली हळहळ |
ह बा |
गझल |
...काय करू मी ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
रात्रभर |
पुलस्ति |
गझल |
.. तूही प्रसन्न हास ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
ध्यास मला (काही शेर...) |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
धुमसतो अद्याप माझ्या आत कोणी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
निराशा |
आदित्य_देवधर |
पृष्ठ |
कधी कधी |
ज्योती बालिगा-राव |
गझल |
खुशाली |
क्रान्ति |
गझल |
एक पाखरु फांदीवर... |
वैभव देशमुख |
गझल |
...काळजी नको ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जे जसे आहे तसे स्वीकारतो मी शेवटी... |
बेफिकीर |