गझल |
विचाराधीन मन |
भूषण कटककर |
गझल |
वाहलो मी |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
वाहते चुपचाप आहे खोल पाणी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
वाहते का ? हवाच आहे की ! |
चित्तरंजन भट |
गझल |
वारे जरासे गातील काही.. |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
वारुळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
वारसा |
क्रान्ति |
गझल |
वार कुणावर... |
अजब |
गझल |
वायदे बाजार |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
वायदे करती हजारो |
जगदिश |
गझल |
वामवेद |
विसुनाना |
गझल |
वादात या कुणीही सहसा पडू नये ! |
मयुरेश साने |
गझल |
वादात या कुणीही सहसा पडू नये |
क्रान्ति |
गझल |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
गझल |
वादळ ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
वादग्रस्त |
केदार पाटणकर |
गझल |
वाणी |
क्रान्ति |
गझल |
वाढतो आहे पसारा कागदांचा.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
वाढती का अंतरे? |
क्रान्ति |
गझल |
वाटे पुन्हा पुन्हा.. |
बहर |
गझल |
वाटे कधी कधी |
कैलास |
गझल |
वाटले सरली प्रतिक्षा... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
वाटले बरे किती! |
चित्तरंजन भट |
गझल |
वाटते बोलायचे राहून गेले |
कैलास |
गझल |
वाट पाहे दारावरी |
आदित्य_देवधर |