|
हे खरे ना? |
विसुनाना |
18 June 2007 |
|
पोचुनी दारी तुझ्या |
कुमार जावडेकर |
26 June 2007 |
|
...आहेस कुठे तू ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
23 June 2007 |
|
एकटाच मी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
19 May 2007 |
|
दे |
साकार |
17 June 2007 |
|
घोळ |
जयन्ता५२ |
12 June 2007 |
|
ना उन्हाळा भोगला मी फारसा |
कुमार जावडेकर |
26 May 2007 |
|
...काय करू मी ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
3 June 2007 |
|
'आहे 'खरेच का मी ..(एक नवीन शेर) |
संतोष कुलकर्णी |
6 June 2007 |
|
असे प्रेम देवा |
साकार |
29 May 2007 |
|
ताटाखालची मांजरे |
नितीन |
6 June 2007 |
|
तसा वेदनेला ही मी आवडलो नाही |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
6 June 2007 |
|
खंत |
विसुनाना |
5 June 2007 |
|
'आहॅ 'खरेच का मी ... |
संतोष कुलकर्णी |
4 June 2007 |
|
मिळेल का दोन घोट पाणी..... |
अनंत ढवळे |
28 May 2007 |
|
आभाळ चांदण्यांचे... |
नितीन |
13 May 2007 |
|
वखत वेळ |
जयन्ता५२ |
24 May 2007 |
|
पतंग |
नितीन |
26 May 2007 |
|
अभ्यास |
आभाळ |
25 May 2007 |
|
कुठे म्हणालो परी असावी |
प्रणव सदाशिव काळे |
22 May 2007 |
|
ओल |
पुलस्ति |
23 May 2007 |
|
जरासा... |
विसुनाना |
24 May 2007 |
|
कोणी |
चित्तरंजन भट |
7 May 2007 |
|
सुतक |
आभाळ |
16 May 2007 |
|
व्यर्थ |
आभाळ |
14 May 2007 |