गझल |
पाहतो श्वासात कोठे . .लागतो काही सुगावा |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
...पेटारा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मीच राही एक देहाती इथे |
भूषण कटककर |
गझल |
तुझ्या आठवांना उजाळाच देतो... |
बहर |
गझल |
प्रवासी |
आनंदयात्री |
गझल |
कोण जाणे |
भूषण कटककर |
गझल |
...कवितेने दिले ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कचरा |
अलखनिरंजन |
गझल |
अंतराय |
ज्ञानेश. |
गझल |
पसारा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
...नकोशा रात्री ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
पाणी थकले, जमीन थकली... |
वैभव देशमुख |
गझल |
छानपैकी जगून गेलो मी..... |
बेफिकीर |
गझल |
उदास खाली मनास घेऊन फिरतो आम्ही ... |
अमोल शिरसाट |
गझल |
वगैरे... |
वैभव जोशी |
गझल |
धुळीतला ध्रुवतारा...! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
तुझे घन आजही बरसून माझी आसवे गेले |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
एक फोन कर... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
आयुष्य |
पुलस्ति |
गझल |
...मनातच |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
किती आळशी |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
कुणीच नव्हते आले निरोप देण्यासाठी ... |
अनंत ढवळे |
गझल |
सोबत |
केदार पाटणकर |
गझल |
ऋतुंची ऐकली कुजबूज मी |
बेफिकीर |
गझल |
मारला गेलो |
कैलास |