गझल |
नवरे |
भूषण कटककर |
गझल |
कधी... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
वायदे बाजार |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
रस्ता भरलेला असतो अन गर्दी साचत असते |
सोनाली जोशी |
गझल |
अबोली !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
आभास |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
झालास 'बेफिकिर' तू काहीतरीच आता |
भूषण कटककर |
गझल |
डोळ्यात अडकली स्वप्ने.. |
बहर |
गझल |
मराठी साहित्य क्षेत्र? |
भूषण कटककर |
गझल |
'अॅबनॉर्मल पाखरू' |
बेफिकीर |
गझल |
आरसा पाहायचा राहून गेला |
निलेश कालुवाला |
गझल |
असे करू नये २ |
तिलकधारीकाका |
गझल |
हाक |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मैफल |
क्रान्ति |
गझल |
मी तसा माणूस आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
काय देईल गारवा रस्ता |
बेफिकीर |
गझल |
जटायू |
पुलस्ति |
गझल |
विसावा |
जगदिश |
गझल |
काळोख |
प्रशान्त वेळापुरे |
गझल |
ती बातमीच दाटली घशाशी |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
हातच दगडाखाली माझे... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
...मी नवा-निराळा आशय ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
हात तुझा हातात |
अगस्ती |
गझल |
स्वीकारले |
केदार पाटणकर |
गझल |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |