गझल |
पेटले सोयी प्रमाणे आणि नंतर गार झाले... |
कैलास गांधी |
गझल |
आलीस पावसाची... |
मनीषा साधू |
गझल |
अजूनही |
केदार पाटणकर |
गझल |
अर्थ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
हे खेळ संचिताचे .....! |
गंगाधर मुटे |
गझल |
आई मिळावी लागते |
भूषण कटककर |
गझल |
वाट पाहे दारावरी |
आदित्य_देवधर |
गझल |
संगतीला संगतीचा... |
मानस६ |
गझल |
नवा घाव |
संतोष कसवणकर |
गझल |
चान्दणी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
कुणाकुणावर अजूनही तो प्रभाव होता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
जितके जमते.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
ओळ्खीचे |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
काही वेळा..... |
बेफिकीर |
गझल |
मोडून यार गेला संसार आज माझा .. |
शाम |
गझल |
जगा बेभान यारो |
भूषण कटककर |
गझल |
तुझी आठवण आली |
सोनाली जोशी |
गझल |
चाललो निघून मी |
केदार पाटणकर |
गझल |
गारगोट्या |
विसुनाना |
गझल |
नकोसे वाटते |
क्रान्ति |
गझल |
वाटे कधी कधी |
कैलास |
गझल |
तुला समजलो ,कुठे समजली तुझी सहजता |
अनंत ढवळे |
गझल |
आत्मसात |
कुमार जावडेकर |
गझल |
एकटा सागरकिनारा एकटा |
चित्तरंजन भट |
गझल |
तेच दिवस |
इलोवेमे |