गझल |
वखत वेळ |
जयन्ता५२ |
गझल |
काळोख |
प्रशान्त वेळापुरे |
गझल |
निकष |
प्रल्हाद देशपान्डे |
गझल |
ती बातमीच दाटली घशाशी |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
...मी नवा-निराळा आशय ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मजकूर |
आनंदयात्री |
गझल |
ती संपली कहाणी |
जयन्ता५२ |
गझल |
कहाणी |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
स्वप्न ज्यात मी नसेन... |
बेफिकीर |
गझल |
अस्वस्थ |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
मुलगी |
बापू दासरी |
गझल |
माझा मलाच आता... |
सदानंद डबीर |
गझल |
फार आता फार झाले |
जयन्ता५२ |
गझल |
कुणीच नव्हते आले निरोप देण्यासाठी ... |
अनंत ढवळे |
गझल |
हा शब्दांच्या गुणसूत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
मढे मोजण्याला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
आश्चर्य काय ती ही आनंदली असावी |
मिल्या |
गझल |
हातघाई |
गणेश धामोडकर |
गझल |
पुन्हा सत्य स्वप्नांस तुडवून गेले |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
लपंडाव |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
नवी गझल |
विजय दि. पाटील |
गझल |
फालतूपणा |
भूषण कटककर |
गझल |
...आहेस कुठे तू ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
काल ज्या क्षणी तुला मी पाहिले प्रिये |
कैलास |
गझल |
कुणाशी बोलता आहात याची कल्पना आहे? |
बेफिकीर |