गझल |
तळ |
मिलिन्द हिवराले |
गझल |
आई मिळावी लागते |
भूषण कटककर |
गझल |
भेट ही घेऊ नको |
शोभातेलन्ग |
गझल |
सवे या.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
ठराव नक्की मिळेल अंतर |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
पसारा... |
श्रीधर वैद्य |
गझल |
अदृश्यच असतो क्रूस कधी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
हॉटेल पॅराडाइज, पुणे. दि. १९.०१.०९ रात्री ११.३० |
भूषण कटककर |
गझल |
अन्यथा मृत्यूस साला |
बेफिकीर |
गझल |
~ प्रेम माझे साफ झाले ~ |
Ramesh Thombre |
गझल |
जगा बेभान यारो |
भूषण कटककर |
गझल |
वसंता.... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
आई ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
उगीच का प्राण.... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
प्रवास |
पुलस्ति |
गझल |
तीच भेटावी.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
वेदना |
प्रज्ञा महाजन |
गझल |
दे |
साकार |
गझल |
मोजकी उन्हे , मोजक्या सरी |
वैभव जोशी |
गझल |
कुणी न समजुन घेतला... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
तुला समजलो ,कुठे समजली तुझी सहजता |
अनंत ढवळे |
गझल |
मागचे येतील नंतर |
केदार पाटणकर |
गझल |
वायदे करती हजारो |
जगदिश |
गझल |
चढलेल्यांना निम्मा करतो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |