गझल |
तुझ्या - माझ्यात... |
ज्ञानेश. |
गझल |
सांगतो प्रत्येक जण गर्दीतला..... |
अनंत ढवळे |
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मा.शंकर वैद्यांची गझल |
जयन्ता५२ |
गझल |
बाग |
अभिषेक उदावंत |
गझल |
नको तेच झाले |
क्रान्ति |
गझललेख |
सुरेश भटांच्या त्या दोन ओळी... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
कर्ज |
क्रान्ति |
गझल |
प्रदेश... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
...मी नवा-निराळा आशय ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
आनंदाने |
चित्तरंजन भट |
गझल |
केवळ तुझी होऊन झंकारायचे |
सोनाली जोशी |
गझल |
सध्या! |
मधुघट |
गझल |
नेहमी गर्दी तुला जी लागते |
जयदीप |
गझल |
'गोष्टी ' |
ज्ञानेश. |
गझल |
'....राहू दे मला माझा !!' |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
गोल फक्त हा सजीव ठेवला असेल तर? |
बेफिकीर |
गझल |
कुणाकुणाला जरी समजला, मला परंतू कळला नाही... |
सोनाली जोशी |
गझल |
माझा मुलगा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
मजकूर |
आनंदयात्री |
गझल |
सहज फिराया आलेला सासरला श्रावण. |
ह बा |
गझल |
बोलण्याने बोलणे वाढेल आता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
प्रश्न... |
नचिकेत |
गझल |
विषारी केव्हढे वातावरण आहे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
सोपे नसते |
कुमार जावडेकर |
गझल |
पक्षी |
बेफिकीर |