ही माणसे घनदाट देवासारखी |
निलेश कालुवाला |
14 August 2010 |
ही तुझी माझीच आहे गोष्ट पण |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
26 January 2009 |
ही झाडे पेटवली कोणी....... |
वैभव देशमुख |
6 March 2009 |
ही घडी दे !!! |
supriya.jadhav7 |
29 October 2010 |
ही गझल आणि एक सांगाडा |
भूषण कटककर |
4 September 2008 |
ही भूमी |
प्रदीप गांधलीकर |
24 January 2009 |
हिशेबाची माय मेली? |
गंगाधर मुटे |
22 September 2010 |
हासल्यासारखी भासती माणसे |
बेफिकीर |
19 November 2014 |
हास आयुष्या |
क्रान्ति |
7 September 2009 |
हातच दगडाखाली माझे... |
शैलेश कुलकर्णी |
18 July 2008 |
हातघाई |
गणेश धामोडकर |
23 April 2007 |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |
18 December 2010 |
हात माझे फुलांनी ही पोळले होते..... |
खलिश |
10 March 2010 |
हात द्या, मात द्या ... |
अजय अनंत जोशी |
19 April 2008 |
हात तुझा हातात |
अगस्ती |
19 December 2007 |
हाक |
प्रदीप कुलकर्णी |
14 March 2014 |
हा स्वत्वाचा तपास मानू आता |
बेफिकीर |
8 October 2014 |
हा शब्दांच्या गुणसूत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
6 August 2010 |
हा प्रवास आधी मुळीच ठरला नव्हता |
चित्तरंजन भट |
17 February 2009 |
हा जुगार |
केदार पाटणकर |
26 May 2010 |
हा चराया |
योगेश वैद्य |
9 January 2008 |
हा काळ हरामी मलाच गंडा घालून जातो |
कैलास गांधी |
22 July 2010 |
हा आहे खडतर रस्ता.. |
शाम |
17 June 2011 |
हसवणारे, खिदळणारे |
केदार पाटणकर |
6 September 2014 |
हवे हवे ते घडतच नाही, घडू नये ते घडून गेले |
मयुरेश साने |
31 May 2011 |