गझल |
सहज फिराया आलेला सासरला श्रावण. |
ह बा |
गझल |
घे हमी तू....... |
गौतमी |
गझल |
आवश्यक ! |
ज्ञानेश. |
गझल |
अखाडा |
धोंडोपंत |
गझल |
र॑ग अपुले मिसळले नाही..... |
वैभव देशमुख |
गझल |
कुठून जायचे पुढे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
बघ तुझ्या येण्यामधे हे केवढे मांगल्य आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
तुझ्यास्तव..... |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
जाळशील का तू? |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
देशील मला तू अश्रू.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
गोचिडांची मौजमस्ती |
गंगाधर मुटे |
गझल |
कवी नावाची शिवी |
भूषण कटककर |
गझल |
चालला शब्दांतुनी... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
घुटमळते मन अधांतरी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
हवा |
वैभव देशमुख |
गझल |
जशा कैक होत्या व्यथा गोंदलेल्या |
श्यामली |
गझल |
मढे मोजण्याला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
उधाणलेला समुद्र.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
बुरखा |
विसुनाना |
गझल |
...नसे गेले |
मधुघट |
गझल |
नवी गझल |
विजय दि. पाटील |
गझल |
त्या कळीची रानवेड्या पाखराशी भेट झाली |
सोनाली जोशी |
गझल |
पोचुनी दारी तुझ्या |
कुमार जावडेकर |
गझल |
अज्ञातवास |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कुणाशी बोलता आहात याची कल्पना आहे? |
बेफिकीर |