गझल |
जीवन तेंव्हा भिजत राहते |
स्नेहदर्शन |
गझल |
तेंव्हा.. |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवन तेंव्हा भिजत राहते |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवना माझ्या बरोबर चालतांना |
स्नेहदर्शन |
गझल |
फक्त येवढा तिचा ... |
स्नेहदर्शन |
गझल |
भेटण्याचे राहिले |
स्नेहदर्शन |
गझल |
मी कधी माझ्यात ही असणार नाही |
स्नेहदर्शन |
गझल |
अंतरास जाळते व्यथा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
रहस्ये गाडली गेली तळाशी |
सोनाली जोशी |
गझल |
निराधार |
सोनाली जोशी |
गझल |
कुणाकुणाला जरी समजला, मला परंतू कळला नाही... |
सोनाली जोशी |
गझल |
चंद्र झालो मी कुणाचा अन किती डागाळलो मी.. |
सोनाली जोशी |
गझल |
नको फिरून बोलणे नकोच आज भेटणे |
सोनाली जोशी |
गझल |
धीट माझी प्रीत होती |
सोनाली जोशी |
गझल |
आयुष्याचे रोप |
सोनाली जोशी |
गझल |
केवळ तुझी होऊन झंकारायचे |
सोनाली जोशी |
गझल |
मनास केले असे मोकळे |
सोनाली जोशी |
गझल |
या उदास रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
गेले हळूच जेव्हा मी चोरपावलांनी... |
सोनाली जोशी |
गझल |
कसा कसा वाढला कळू दे ,माझा तुझा दुरावा... |
सोनाली जोशी |
गझल |
मी मोजत असते रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
गझल |
भेट |
सोनाली जोशी |
गझल |
तुला बोलावतो सागर तुला बोलावती वाटा |
सोनाली जोशी |
गझल |
हुंदका साधा तुझा सांगून गेला |
सोनाली जोशी |