गझल |
जबरदस्तीचा कवी मी, गझल माझी जुळवलेली |
बेफिकीर |
गझल |
स्थित्यंतरे |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
सरहदी का शोधती मग झुंजण्याची कारणे? (तरही) |
supriya.jadhav7 |
गझल |
मोजले का तू कधी ? |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
देवास ज्ञात आहे (अल्लाह जानता है) |
कुमार जावडेकर |
गझल |
फीतूर .... |
कविता मोकाशी |
गझल |
हमी |
मी अभिजीत |
गझल |
पाहिजे ते.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
कधीकाळी तुझ्यासाठी |
आनंदयात्री |
गझल |
एक कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
उमेद |
काव्यरसिक |
गझल |
पेटले सोयी प्रमाणे आणि नंतर गार झाले... |
कैलास गांधी |
गझल |
...लुप्त |
ज्ञानेश. |
गझल |
व्यथा |
मिलिंद फणसे |
गझल |
अर्थ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
हे खेळ संचिताचे .....! |
गंगाधर मुटे |
गझल |
गारवा..! |
मी अभिजीत |
गझल |
एकदा शून्यास माझ्या तू वजा कर... |
जयदीप |
गझल |
बोलण्याने बोलणे वाढेल आता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
भूमिका |
क्रान्ति |
गझल |
तुला पाहतो... |
मधुघट |
गझल |
..मी कुठे काही म्हणालो ? |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
गझल माझी तसतशी |
भूषण कटककर |
गझल |
श्वास झालो |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
काही वेळा..... |
बेफिकीर |