गझल |
तुझ्याविना हे शहर तुझे |
वैभव जोशी |
गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
गझल |
शौकीन का आहे |
भूषण कटककर |
गझल |
मंत्र |
प्रशान्त वेलापुरे |
गझल |
लगाम |
मिल्या |
गझल |
'' बरे दिसत नाही '' |
कैलास |
गझल |
हळवा नकार - सौ. स्मिता दोडमिसे यांची गझल! |
भूषण कटककर |
गझल |
...थकलास तू किती ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
भयंकर |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
शब्दार्थ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
माणसाला म्हणे मारते भाकरी! |
ह बा |
गझल |
अचाट तारे तोडत होता |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
काही स्वगते... |
व्योम |
गझल |
कवडसे |
मधुघट |
गझल |
येत नाही मी |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
उलटे |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
कधीच नाही |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
' कहाणी...'( गझल ) |
mamata.riyaj@gm... |
गझल |
नकोच जाऊ तिथे अता तू |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
गझल |
एक पाखरु फांदीवर... |
वैभव देशमुख |
गझल |
अमर कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
का हवी असतात तेव्हा नेमकी रुसतात नाती? |
बेफिकीर |
गझल |
असोशी.... |
अमित वाघ |
गझल |
माझ्या तुझ्यात काही |
जयन्ता५२ |