गझल |
माणसांना माणसांचे |
केदार पाटणकर |
गझल |
एकदा आहे तुला भेटायचे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
गझल : रात्र सारी चांदण्याने दु:खः माझे पाहिले - पु नः संपादित |
खलिश |
गझल |
केवढे चालणे हे मजल दरमजल..... |
बेफिकीर |
गझल |
...दिसत नाही ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
अफवा |
इंद्रजित उगले |
गझल |
भान माझे... (अजब) |
अजब |
गझल |
ही भूमी |
प्रदीप गांधलीकर |
गझल |
नव्हतो |
आनंदयात्री |
गझल |
मी जिथे नाही अशी जागाच नाही |
बेफिकीर |
गझल |
मी तरी देऊ किती आवाज आता..! |
मी अभिजीत |
गझल |
सडे मुरवुनी |
बेफिकीर |
गझल |
राहिलो एकेकटे दोघे जगत....! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
''मागणे'' |
कैलास |
गझल |
रोजचेच |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
व्यथा |
आरती सुदाम कदम |
गझल |
एक होऊ या क्षणी |
केदार पाटणकर |
गझल |
खूप वाकडा गेला |
बाण |
गझल |
अंतरा |
क्रान्ति |
गझल |
जराजरासा !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
आहे हयात अजुनी |
भूषण कटककर |
गझल |
----नसते आशा जीवनाची---- |
नेहा |
गझल |
वाटते बोलायचे राहून गेले |
कैलास |
गझल |
मी खरे बोललो तेव्हा |
अजब |
गझल |
मृगजळ |
मिलिंद फणसे |