गझल |
मी कधी माझ्यात ही असणार नाही |
स्नेहदर्शन |
गझल |
शक्य नाही |
स्नेहदर्शन |
गझल |
माझा मुलगा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवन तेंव्हा भिजत राहते |
स्नेहदर्शन |
गझल |
भेटण्याचे राहिले |
स्नेहदर्शन |
गझल |
तेंव्हा.. |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवना माझ्या बरोबर चालतांना |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवन तेंव्हा भिजत राहते |
स्नेहदर्शन |
गझल |
निराधार |
सोनाली जोशी |
गझल |
भेट |
सोनाली जोशी |
गझल |
रस्ता भरलेला असतो अन गर्दी साचत असते |
सोनाली जोशी |
गझल |
धीट माझी प्रीत होती |
सोनाली जोशी |
गझल |
बहरासंगे फुलणार्या सर्व फुलांची मी कोण लागते |
सोनाली जोशी |
गझल |
का सूर नवा हा छेडत जाते भासांची वीणा ? |
सोनाली जोशी |
गझल |
पहा दिशाही रुसून बसल्या तुझ्यासारख्या. |
सोनाली जोशी |
गझल |
गेले हळूच जेव्हा मी चोरपावलांनी... |
सोनाली जोशी |
गझल |
या श्वासाचा,कुणी भरोसा द्यावा , तू ये ना |
सोनाली जोशी |
गझल |
मी बोचलो म्हणाले |
सोनाली जोशी |
गझल |
प्रवास |
सोनाली जोशी |
गझल |
मनात येता विचार त्याचा उदास होते हसले तरी |
सोनाली जोशी |
गझल |
पक्षी येती झाड बहरता , वठल्यावरती कुणी न दिसते |
सोनाली जोशी |
गझल |
सोने |
सोनाली जोशी |
गझल |
रहस्ये गाडली गेली तळाशी |
सोनाली जोशी |
गझल |
त्या कळीची रानवेड्या पाखराशी भेट झाली |
सोनाली जोशी |
गझल |
हुंदका साधा तुझा सांगून गेला |
सोनाली जोशी |