गझल |
आयुष्याचे रोप |
सोनाली जोशी |
गझल |
भूल |
चक्रपाणि |
गझल |
शेवट |
चक्रपाणि |
गझल |
चुंबने घेउनी जे तुला बोचले.... |
खलिश |
गझल |
अजरामर.... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
नास्तिक...! |
काव्यरसिक |
पृष्ठ |
ठक! |
विश्वस्त |
गझल |
प्रीती सखे मलाही का परवडू नये...? |
विशाल कुलकर्णी |
गझल |
गाव हा आटपाट स्वप्नांचा |
प्रसाद लिमये |
गझल |
करणार आहे |
आदित्य_देवधर |
गझल |
कमाई.... |
अभिषेक उदावंत |
गझल |
नूर |
कुमार जावडेकर |
गझल |
थांबणे सोसेल तोवर लागते चालायला.... |
मयुरेश साने |
गझल |
गावाला आलो की..... |
विजय दि. पाटील |
गझल |
अबोला गाजला होता |
मयुरेश साने |
गझल |
'वस्ती' |
अभिषेक उदावंत |
पृष्ठ |
चाललेला ! |
श्रावण |
कार्यक्रम |
काव्यरसिक मंडळ (डोंबिवली) ४४वे वार्षिक स्नेहसंमेलन, रविवार दि. १४ फेब्रुवारी २०१० |
जयन्ता५२ |
गझल |
'जग मल्लीकाचे आहे' - कवी ज्ञानेशची फर्माईश! |
गंभीर समीक्षा |
गझल |
मिळते कोठे ? |
कौतुक शिरोडकर |
कार्यक्रम |
ऑनलाईन गझल मुशायरा |
मिल्या |
गझल |
कितीदा |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
एवढे नसते जलद आयुष्य सरण्यासारखे! |
प्रोफेसर |
गझल |
क्षण तो सोसाट्याचा होता |
वैभव देशमुख |
गझल |
घावामागून घाव घातले त्याबद्दल आभार.. |
मानस६ |