गझल |
मी बोचलो म्हणाले |
सोनाली जोशी |
गझल |
या श्वासाचा,कुणी भरोसा द्यावा , तू ये ना |
सोनाली जोशी |
गझल |
प्रवास |
सोनाली जोशी |
गझल |
भेट |
सोनाली जोशी |
गझल |
मनात येता विचार त्याचा उदास होते हसले तरी |
सोनाली जोशी |
गझल |
पक्षी येती झाड बहरता , वठल्यावरती कुणी न दिसते |
सोनाली जोशी |
गझल |
रहस्ये गाडली गेली तळाशी |
सोनाली जोशी |
गझल |
त्या कळीची रानवेड्या पाखराशी भेट झाली |
सोनाली जोशी |
गझल |
हुंदका साधा तुझा सांगून गेला |
सोनाली जोशी |
गझल |
आताशा तो जरा निराळे वागत असतो |
सोनाली जोशी |
गझल |
कुणाकुणाला जरी समजला, मला परंतू कळला नाही... |
सोनाली जोशी |
गझल |
मी मोजत असते रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
गझल |
तुझा चेहरा |
सोनाली जोशी |
गझल |
तुझी आठवण आली |
सोनाली जोशी |
गझल |
तुला बोलावतो सागर तुला बोलावती वाटा |
सोनाली जोशी |
गझल |
शब्द बेहोश कर.. |
सुशांत खुरसाले. |
गझल |
छडा लागला रे |
सुरेश शिरोडकर |
गझल |
लंब |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
सांग ओठास तुझी गोष्ट फुलांची बाई |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
रजनीगंधा |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
किती आळशी |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
फुलांनी काय हो केले ? |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
किती दिवस मी रदीफ व्हावे |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
साय |
सुनेत्रा सुभाष |