गझल |
हे तेच ते दिनरात.. |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
चांदण्याची तोरणे(पुस्तक परिचय) |
केदार पाटणकर |
गझल |
शोध ज्याचा घेतला तो..(अनुवाद) : केदार पाटणकर |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
रंजकी जब... |
केदार पाटणकर |
गझल |
कधी कधी |
केदार पाटणकर |
गझल |
पत्रे |
केदार पाटणकर |
गझल |
आकडेवारी |
केदार पाटणकर |
गझल |
लोकांमधल्या प्रतिमेला... |
केदार पाटणकर |
गझल |
संपत नाही |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
एका उन्हाची कैफियत...ऐकण्यासारखी |
केदार पाटणकर |
गझल |
पाहिजे ते.. |
केदार पाटणकर |
पृष्ठ |
करारनामे-२ |
केशवसुमार |
पृष्ठ |
(गझल) |
केशवसुमार |
गझल |
'' धर्म '' |
कैलास |
गझल |
वाटे कधी कधी |
कैलास |
गझल |
उपाशी |
कैलास |
गझल |
''जीवन अंधारातच आहे'' |
कैलास |
गझल |
''चेहरा'' |
कैलास |
गझल |
'' शेवटी '' |
कैलास |
गझलचर्चा |
काळानुरुप रचलेल्या अन नंतर कालबाह्य होणार्या गझलांविषयी...... |
कैलास |
गझल |
''वाटत आहे'' |
कैलास |
गझल |
''जमले'' |
कैलास |
गझल |
आसवे आता न केवळ गाळती माझे नयन |
कैलास |
गझल |
"दारू" |
कैलास |
गझल |
''वादात या कुणीही सहसा पडू नये '' |
कैलास |