गझललेख |
रंजकी जब... |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-४ : खिलौने नहीं चलते |
मानस६ |
गझललेख |
हरफनमौला सुरेश |
विश्वस्त |
गझललेख |
प्रकाशित करण्याची गझल रसिकासाठी असावी असा एक विचार! |
बेफिकीर |
गझललेख |
भटसाहेबांच्या सहवासात... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझललेख |
एका उन्हाची कैफियत...ऐकण्यासारखी |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-८ : कभी नेकी भी उसके जी में गर आ जाये है मुझ से |
मानस६ |
गझललेख |
गझलचे दुसरे अंग |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझललेख |
शेरो-शायरी : प्रस्तावना |
मानस६ |
गझललेख |
सुरेश भटांच्या त्या दोन ओळी... |
अजय अनंत जोशी |
गझललेख |
ज्ञानेशच्या गझला |
विश्वस्त |
गझललेख |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
गझललेख |
फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अंतर असेही... |
ॐकार |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-५ : दोस्ती से दुश्मनी शरमाई रहती है |
मानस६ |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-२: पा-ब-गिल सब है |
मानस६ |
गझललेख |
मीर तकी मीर ची एक गझल व त्याचे मराठी भाषांतर |
हेमंत पुणेकर |
गझललेख |
गझल : एक विवेकशक्ती |
विश्वस्त |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-९ : टूटी है मेरी नींद मगर तुमको इससे क्या |
मानस६ |
गझललेख |
मराठी गझल धोक्याच्या वळणावर |
निनावी (not verified) |
गझललेख |
माझ्या काळाचा अनुवाद |
विश्वस्त |
गझललेख |
गालिब बेनकाब |
बेफिकीर |
गझललेख |
भाषा - एक कपाट |
भूषण कटककर |
गझललेख |
आपले रडणे....एक रसग्रहण |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
अनंतची गझल |
विश्वस्त |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-६ : तफरीह का सामान किया जाये |
मानस६ |