गझल |
गप्प ३. |
तिलकधारीकाका |
गझल |
आता जरा मी लबाड झालो |
कैलास गांधी |
गझल |
वखवखे मला |
भूषण कटककर |
गझल |
किती? |
केदार पाटणकर |
गझल |
उ:शाप |
क्रान्ति |
गझल |
...दिवेलागणीच्या वेळी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
...जन्म चकव्यासारखा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
आवरण |
ज्ञानेश. |
गझल |
असे पाण्यामुळे गंगा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
तळ |
मिलिन्द हिवराले |
गझल |
जगणे म्हणजे अवघड चळवळ |
श्रीकांत वाघ |
गझल |
भेट ही घेऊ नको |
शोभातेलन्ग |
गझल |
सवे या.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
ठराव नक्की मिळेल अंतर |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
... राहिलो मी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
पसारा... |
श्रीधर वैद्य |
गझल |
वेडा |
व्योम |
गझल |
फारसा वाटेत नाही आमचा वाडा |
बेफिकीर |
गझल |
एक फोन कर... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
सांजवेळी आठवांचा मेघ हा दाटे पुन्हा.. |
शाम |
गझल |
किती स्तब्धता ही प्रवाही अताशा |
भूषण कटककर |
गझल |
हा चराया |
योगेश वैद्य |
गझल |
राखते तोल मी.....!!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
सांग ना |
मनीषा साधू |
गझल |
एवढे फिरून.. |
ज्ञानेश. |