गझल |
किमया |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
सवे या.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
मला तुझ्या धर्माची भीती |
अनंत ढवळे |
गझल |
भळभळतांना जाणवले की.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
आस जागी.. |
चांदणी लाड. |
गझल |
स्वप्न एखादे जणू... |
मिल्या |
गझल |
यादगार |
भूषण कटककर |
गझल |
एक इरादा हसण्याचा |
वैभव जोशी |
पृष्ठ |
फोटो : डॉ.श्रीकृष्ण राऊत |
डॉ. श्रीकृष्ण राऊत |
गझल |
शब्दांत प्राण आले |
ॐकार |
गझल |
स्मशानात जागा हवी तेवढी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
चालला शब्दांतुनी... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
तू कशी जाशील...? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
तरी समुद्रा तुझ्या किनारी |
बेफिकीर |
गझल |
...एकंदरीने ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
गेल्यात रे चकोरा बाटून या सरी... |
ह बा |
गझल |
ठेवणीतल्या आठवणींना.... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
आवे |
बापू दासरी |
गझल |
खर्डेघाशी |
चक्रपाणि |
गझल |
शहर झाले चांदण्याचे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
...विचार एखादा |
वैभव जोशी |
गझल |
...नकोशा रात्री ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मीच राही एक देहाती इथे |
भूषण कटककर |
गझल |
तुझ्या आठवांना उजाळाच देतो... |
बहर |
गझल |
कचरा |
अलखनिरंजन |