नवे लेखन
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प्रकार |
शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद |
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| गझल | मरण्यात अर्थ नाही | गंगाधर मुटे | 11 |
| गझल | दळण | सुनेत्रा सुभाष | 6 |
| गझल | खूप झाले, हे व्यथांना रोजचे.... | जनार्दन केशव म्... | 4 |
| गझल | संगतीला संगतीचा... | मानस६ | 2 |
| गझल | तुझा दोष नाही !! | supriya.jadhav7 | 3 |
| गझल | नीट वाच...! | प्रदीप कुलकर्णी | 6 |
| गझल | वेडा | व्योम | 4 |
| गझल | हेच असावे सत्य... | अजय अनंत जोशी | 4 |
| गझल | ...मारव्याचे सूर काही ! | प्रदीप कुलकर्णी | 7 |
| गझल | मागे जयजयकार चालला आहे | बाळ पाटील | |
| गझल | तु जाता | इलोवेमे | |
| गझल | उद्दाम | पुलस्ति | 5 |
| गझल | ती काळजीत असते... | ह बा | 9 |
| गझल | ...लुप्त | ज्ञानेश. | 12 |
| गझल | हे तेच ते दिनरात.. | केदार पाटणकर | 11 |
| गझल | फार मी कुठे... | संतोष कुलकर्णी | 7 |
| गझल | ठेवणीतल्या आठवणींना.... | प्रदीप कुलकर्णी | 17 |
| गझल | संपेन मी नावानिशी..... | बेफिकीर | 6 |
| गझल | जाहिरात - अभिषेक उदावंत | अभिषेक उदावंत | 11 |
| गझल | की ? कागदाशी खेळणारा टाक आहे ? | मयुरेश साने | 1 |
| गझल | शापीत | योगेश जोशी | 3 |
| गझल | केवळ तुझी होऊन झंकारायचे | सोनाली जोशी | 15 |
| गझल | कालचा प्रवास पुन्हा | rind | 5 |
| गझल | जागलेली रात... | मयुरेश साने | 2 |
| गझल | जसे काल होते तसे आज वाटे | अजय अनंत जोशी | 6 |