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गझल |
गझल |
संतोष कुलकर्णी |
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गझल |
शब्द बेईमान झाले आज इतके काय सांगू? |
विजय दि. पाटील |
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गझल |
भावलेले |
कौतुक शिरोडकर |
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गझल |
[सुरेशभट] चाचणी |
विश्वस्त |
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गझल |
डाव |
बापू दासरी |
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गझल |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |
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गझल |
गझल |
सुनेत्रा सुभाष |
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गझल |
शोधताना मी सुखाला... |
राजगुडे |
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गझल |
अर्थ मौनाचे... |
निरज कुलकर्णी |
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गझल |
ही तुझी माझीच आहे गोष्ट पण |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
छल्ला |
बेफिकीर |
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गझल |
सखे |
बापू दासरी |
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गझल |
हळूहळू |
मयुरेश साने |
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गझल |
गरजत आहे, बरसत नाही |
ज्ञानेश. |
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गझल |
वाणी |
क्रान्ति |
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गझल |
तपस्वी |
निलेश |
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गझल |
भलतीच मर्यादीत ह्यांची झेप आहे |
बेफिकीर |
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गझल |
श्रीरंगा (विट्टला).. |
गौतम.रा.खंडागळे |
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गझल |
मृगजळ |
मिलिंद फणसे |
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गझल |
बाकी तसा कैदेत काही त्रास नसतो 'बेफिकिर' |
बेफिकीर |
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गझल |
मराठी साहित्य क्षेत्र? |
भूषण कटककर |
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गझल |
गझल |
विजय दि. पाटील |
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गझल |
अजूनही |
क्रान्ति |
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गझल |
नशेत होतो मी ! |
मानस६ |
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गझल |
...केव्हातरी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |