गझलचर्चा |
महत्व कशाला ? शब्दांना की अर्थाला. |
धोंडोपंत |
गझलचर्चा |
आशयाचा अंदाज न बांधता येणे - गझलेचे प्रमुख वैशिष्ट्य! |
भूषण कटककर |
गझलचर्चा |
आह को चहिये एक उम्र असर होने तक - अर्थ हवा आहे |
अजय अनंत जोशी |
गझलचर्चा |
हे भाषांतर बरे आहे का? |
बेफिकीर |
गझलचर्चा |
अक्षरविचार आणि गणविचार |
विश्वस्त |
गझलचर्चा |
मराठी गझलेसाठी संकेतांचा वापर |
भूषण कटककर |
गझलचर्चा |
अपरिचीत शायरांच्या गझल-संग्रहाची सूची |
मानस६ |
गझलचर्चा |
गझलियत |
तिलकधारीकाका |
गझलचर्चा |
महिला गझलकारांची संख्या |
केदार पाटणकर |
गझलचर्चा |
गझल कशी होते? |
विसुनाना |
गझललेख |
रंजकी जब... |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
पहा ग़ालिब काय म्हणतो |
विश्वस्त |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-४ : खिलौने नहीं चलते |
मानस६ |
गझललेख |
हरफनमौला सुरेश |
विश्वस्त |
गझललेख |
प्रकाशित करण्याची गझल रसिकासाठी असावी असा एक विचार! |
बेफिकीर |
गझललेख |
एका उन्हाची कैफियत...ऐकण्यासारखी |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
भटसाहेबांच्या सहवासात... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-८ : कभी नेकी भी उसके जी में गर आ जाये है मुझ से |
मानस६ |
गझललेख |
गझलचे दुसरे अंग |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझललेख |
शेरो-शायरी : प्रस्तावना |
मानस६ |
गझललेख |
सुरेश भटांच्या त्या दोन ओळी... |
अजय अनंत जोशी |
गझललेख |
ज्ञानेशच्या गझला |
विश्वस्त |
गझललेख |
फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अंतर असेही... |
ॐकार |
गझललेख |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-५ : दोस्ती से दुश्मनी शरमाई रहती है |
मानस६ |