गझल |
ब्लॅक होल |
अलखनिरंजन |
गझल |
रिताच पेला |
अभिषेक दीपक कासोदे |
गझल |
आरसा पाहायचा राहून गेला |
निलेश कालुवाला |
गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
कणसूर |
विसुनाना |
गझल |
आभाळ चांदण्यांचे... |
नितीन |
गझल |
माझी आई |
ह बा |
गझल |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |
गझल |
किनारा |
ॐकार |
गझल |
गुपित |
पुलस्ति |
गझल |
कविता म्हणू प्रियेला.. |
गंगाधर मुटे |
गझललेख |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
गझल |
आजही अप्रूप वाटे |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
पाहिजे तेव्हा कुणीही... |
केदार पाटणकर |
गझल |
मी झाडांसम फुलणारा |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
मी जिथे नाही अशी जागाच नाही |
बेफिकीर |
गझल |
सडे मुरवुनी |
बेफिकीर |
गझल |
मी जरा बोलायला गेलो कुठे |
निलेश कालुवाला |
गझल |
माझ्यातला चांगुलपणा वर आण तू |
बेफिकीर |
गझल |
मोगरा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
..प्राण नाही |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
ही सरिता रुसली आज किनाऱ्यावरती... |
मानस६ |
गझल |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
सुकावे लागले |
क्रान्ति |
गझल |
मागचे जाती पुढे |
अजय अनंत जोशी |