गझल |
स्वतंत्रता दिनाचे रुदन |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
जन्म एक मध्यरात्र वाटतो |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
गजल |
कल्पना शिन्दे |
गझल |
भरोसा |
कैलास |
गझल |
सोळा... |
केदार पाटणकर |
गझल |
चांदणी, चंचला, कामिनी, सुंदरा, मोहिनी, अप्सरा, कोण आहेस तू |
वैभव देशमुख |
गझल |
काय सांगू |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
कुणाकुणाला जरी समजला, मला परंतू कळला नाही... |
सोनाली जोशी |
गझल |
हात द्या, मात द्या ... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
नव्या यमांची नवीन भाषा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
तू परतून यावे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
खूप झाले, हे व्यथांना रोजचे.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
चैन |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
काळ |
जयन्ता५२ |
गझल |
छल्ला |
बेफिकीर |
गझल |
दरवळ |
अमोल शिरसाट |
गझल |
ही घडी दे !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
कोण जाणे |
भूषण कटककर |
गझल |
ठेवला दडपून ज्यांनी... |
गौरवकुमार आठवले |
गझल |
...म्हणाले !! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
दिशा गातात ह्या जेव्हा ... |
वैभव जोशी |
गझल |
मी मोरपीस व्हावे - |
विदेश |
गझल |
अजिंक्य! |
निलेश |
गझल |
आज अचानक तुझी आठवण का यावी |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
हॉटेल पॅराडाइज, पुणे. दि. १९.०१.०९ रात्री ११.३० |
भूषण कटककर |