जगात काही कुरूप नाही, जगात काही सुंदर... |
विश्वस्त |
बातचीत भटांशी |
निनावी (not verified) |
'..तयार झालो!' एका अनामिक... |
ज्ञानेश. |
'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्... |
संपादक |
'मग माझा जीव'ची आठवण |
विश्वस्त |
...स्वप्न सूर्याचे ! |
विश्वस्त |
अनंतची गझल |
विश्वस्त |
अस्वस्थ समुद्र काळजातला |
विश्वस्त |
आपले रडणे....एक रसग्रहण |
केदार पाटणकर |
आपुलिया बळें... . |
निनावी (not verified) |
आयुष्य तारण राहिले... |
संपादक |
आसवे |
विश्वस्त |
उजाड माळावरती हिरवळ शोधत गेलो |
विश्वस्त |
एका उन्हाची कैफियत...ऐकण्यासारखी |
केदार पाटणकर |
एल्गार- कैफियत |
विश्वस्त |
एवढीही आठवण येऊ नये |
विश्वस्त |
कवी चंद्रशेखर सानेकर ह्यांची दैनिक प्रह... |
विश्वस्त |
काही वेळा... |
विश्वस्त |
केला खरेपणाचा नाही विचार त्यांनी |
विश्वस्त |
खरे तर दार वा-याने... |
केदार पाटणकर |
खरे सांगतो |
विश्वस्त |
गझल |
विश्वस्त |
गझल : एक विवेकशक्ती |
विश्वस्त |
गझल तिहाई - वृत्तांत |
बेफिकीर |
गझलचे दुसरे अंग |
प्रसन्न शेंबेकर |