गावाला आलो की..... |
विजय दि. पाटील |
22 May 2011 |
अधनंमधनं आनंदाची कडमड आहे |
विजय दि. पाटील |
13 January 2011 |
गझल |
विजय दि. पाटील |
12 June 2015 |
शब्द बेईमान झाले आज इतके काय सांगू? |
विजय दि. पाटील |
4 October 2010 |
आजच्या आज |
विजय दि. पाटील |
19 August 2014 |
भांडेल कोण आता? |
विजय दि. पाटील |
13 September 2010 |
तुझ्या हातात माझ्या जिंदगीचा कासरा मी देत आहे |
विजय दि. पाटील |
19 April 2011 |
जे जगतो ते लिहिणारा |
विजय दि. पाटील |
14 August 2014 |
मैफील आज जमली - |
विदेश |
13 May 2011 |
गझल-" म्हणून जगणे आले"- |
विदेश |
29 September 2009 |
गात येथे तू उगा का थांबलेला |
विदेश |
28 July 2011 |
मी मोरपीस व्हावे - |
विदेश |
23 October 2009 |
शिखर त्यांनी गाठलेले - |
विदेश |
8 December 2010 |
रुढी परंपरेचा का बांधलास शेला? |
विद्यानंद हाडके |
6 March 2011 |
कसा मी करावा खुलासा मनाचा... |
विद्यानंद हाडके |
18 September 2010 |
सारे वसंत... |
विद्यानंद हाडके |
18 November 2010 |
............. अजून काही |
विशाल कुलकर्णी |
3 March 2011 |
थांबणे सोसेल तोवर लागते चालायला... |
विशाल कुलकर्णी |
10 February 2011 |
प्रीती सखे मलाही का परवडू नये...? |
विशाल कुलकर्णी |
21 February 2011 |
माळले गजरे तयांनी वाळलेले...! |
विशाल कुलकर्णी |
21 February 2011 |
चाचणी |
विश्वस्त |
25 July 2009 |
आसवे |
विश्वस्त |
31 October 2008 |
४ गझला : चंद्रशेखर सानेकर |
विश्वस्त |
28 October 2008 |
बुरखा |
विसुनाना |
26 April 2007 |
गारगोट्या |
विसुनाना |
3 May 2007 |