कर्ज |
क्रान्ति |
24 August 2009 |
बंडखोरी |
क्रान्ति |
23 August 2010 |
सजा |
क्रान्ति |
16 May 2010 |
वाढती का अंतरे? |
क्रान्ति |
8 October 2010 |
करार |
क्रान्ति |
29 May 2009 |
वेळिअवेळी |
क्रान्ति |
17 April 2010 |
आज का? |
क्रान्ति |
16 June 2009 |
पुन्हा |
क्रान्ति |
3 August 2009 |
मनाला |
क्रान्ति |
28 October 2009 |
अंतरा |
क्रान्ति |
21 August 2009 |
भूमिका |
क्रान्ति |
13 July 2009 |
रिती पोकळी |
क्रान्ति |
17 December 2009 |
सुकावे लागले |
क्रान्ति |
6 January 2010 |
समिकरणे |
क्रान्ति |
19 August 2010 |
हवे मधे किती छान गारवा होता..... |
खलिश |
2 September 2009 |
मला माझ्या गुन्ह्याची फार मोठी स ज़ा झाली .... |
खलिश |
25 June 2009 |
कुठे तरी काही तरी जळत होते ..... |
खलिश |
1 September 2009 |
चुंबने घेउनी जे तुला बोचले.... |
खलिश |
13 August 2009 |
ह्या मनाचे, दुश्मनाचे काय करावे ?.... |
खलिश |
5 April 2010 |
ग झ ल : ७ (अ) : दुरूस्त आणी पुनः संपादित : मला तो का वियोगाची व्यथा देतो ? |
खलिश |
17 July 2009 |
आज ही वेदना दार ठोठावते..... |
खलिश |
12 August 2009 |
गझल : रात्र सारी चांदण्याने दु:खः माझे पाहिले - पु नः संपादित |
खलिश |
21 June 2009 |
ग झ ल : रात्र थोडी गार होती ..... |
खलिश |
20 June 2009 |
फुलानां स्वप्नात ही काटे बोचले ..... |
खलिश |
28 July 2009 |
हात माझे फुलांनी ही पोळले होते..... |
खलिश |
10 March 2010 |