मान्यवरांची गझल-डॉ.राम पंडित |
मीर क्षीरसागर |
31 January 2009 |
मान्यवरांची गझल-डॉ. संतोष कुलकर्णी |
मीर क्षीरसागर |
21 January 2009 |
सोशीक |
मी अभिजीत |
3 June 2008 |
मी एकटाच येथे माझ्या जगात आहे |
मी अभिजीत |
11 February 2011 |
गारवा..! |
मी अभिजीत |
31 March 2008 |
तुझा दोष नाही |
मी अभिजीत |
10 February 2011 |
"हिशोब" |
मी अभिजीत |
18 April 2008 |
एखादा तरी... |
मी अभिजीत |
12 April 2011 |
बेत आहे..! |
मी अभिजीत |
14 April 2009 |
हमी |
मी अभिजीत |
24 December 2008 |
राख..! |
मी अभिजीत |
1 April 2008 |
मी तरी देऊ किती आवाज आता..! |
मी अभिजीत |
18 March 2009 |
एकदा तरी |
मिल्या |
28 February 2011 |
मी तुला अन तू मला मिरवायला हवे |
मिल्या |
6 May 2010 |
आयुष्य माझे |
मिल्या |
1 November 2007 |
स्वप्न एखादे जणू... |
मिल्या |
12 January 2009 |
फिरून यायचे इथे टळेल का कधी? |
मिल्या |
16 August 2011 |
अंतरातली व्यथा अंतरी जपायची |
मिल्या |
24 September 2010 |
लगाम |
मिल्या |
8 October 2007 |
आता |
मिल्या |
24 November 2008 |
कल्लोळ |
मिल्या |
28 January 2010 |
पादुका |
मिल्या |
13 November 2009 |
सोडू नको |
मिल्या |
5 May 2009 |
नदीला सागराची ओढ असली तर असू द्या ना |
मिल्या |
29 September 2014 |
माती |
मिल्या |
1 June 2010 |