हरवलाच रुखवती उखाण्याचा गोडवा |
ह बा |
26 May 2010 |
चांदण्या लेऊन झाला... |
ह बा |
17 July 2010 |
जाणिवा विसरून गेलो ..... |
ह बा |
10 July 2010 |
भेटाया आल्या गझला, त्याच्या नंतर. |
ह बा |
1 June 2010 |
गरीबाला कुठे सांगा कुणाला टाळणे येते? |
ह बा |
7 June 2010 |
अपघात काय घडला? |
ह बा |
22 June 2010 |
चालतो ऐसा जणू .... |
ह बा |
5 August 2010 |
पाय ओढायला जडतात ती! |
ह बा |
24 May 2010 |
माणसाला म्हणे मारते भाकरी! |
ह बा |
29 May 2010 |
नसतीच आसवे तर.... |
ह बा |
3 July 2010 |
उसवित बसले बूड कवी हे ज्या झोळ्यांचे |
ह बा |
27 May 2010 |
गेल्यात रे चकोरा बाटून या सरी... |
ह बा |
15 June 2010 |
जपलेली हळहळ |
ह बा |
12 May 2010 |
तुकारामा उगा तू काढली पाण्यातुनी गाथा |
ह बा |
30 June 2010 |
माझी आई |
ह बा |
7 May 2010 |
माझ्या मनासी कळेना |
हरीश दांगट |
20 July 2009 |
तुझ्यास्तव..... |
ह्रषिकेश चुरी |
21 August 2008 |
जरासा त्रास होतो |
ह्रषिकेश चुरी |
19 September 2010 |
जाळशील का तू? |
ह्रषिकेश चुरी |
6 January 2009 |
कुणी इथे |
ह्रषिकेश चुरी |
22 August 2008 |
...कुठे बेत आहे? |
ह्रषिकेश चुरी |
13 September 2008 |
शब्दांत प्राण आले |
ॐकार |
17 April 2007 |
उस्ताद |
ॐकार |
21 February 2009 |
किनारा |
ॐकार |
1 May 2007 |
सखे ठोठावते आहेस कुठले दार देहाचे? |
ॐकार |
16 February 2009 |