साचला अंधार आहे... |
वैभव देशमुख |
7 October 2010 |
दिसे दिसायास... |
वैभव देशमुख |
22 January 2011 |
ती नदी गेली कुठे... |
वैभव देशमुख |
15 January 2010 |
तुझे स्वच्छ हासू झळाळी उन्हाची... |
वैभव देशमुख |
5 August 2014 |
गुणगुणावे मी तुला ...... |
वैभव देशमुख |
23 December 2008 |
फुलांचा रस्ता.... |
वैभव देशमुख |
4 December 2008 |
फडफडतो काळजात माझ्या... |
वैभव देशमुख |
4 October 2010 |
दिसतो तुला जरी मी......... |
वैभव देशमुख |
7 February 2009 |
बंद दिवसाच्या घराचे दार ... |
वैभव देशमुख |
25 June 2010 |
र॑ग अपुले मिसळले नाही..... |
वैभव देशमुख |
16 November 2008 |
एक पाखरु फांदीवर... |
वैभव देशमुख |
4 February 2011 |
विश्व समजू लागलो अपुल्या घराला |
वैभव देशमुख |
11 May 2015 |
जन्मभर तुडवीन मी ... |
वैभव देशमुख |
3 February 2011 |
काय नभाची आहे इच्छा पाहू... |
वैभव देशमुख |
19 April 2014 |
चांदणी, चंचला, कामिनी, सुंदरा, मोहिनी, अप्सरा, कोण आहेस तू |
वैभव देशमुख |
19 October 2015 |
जगण्याचे मातेरे होते... |
वैभव देशमुख |
4 April 2015 |
पाणी थकले, जमीन थकली... |
वैभव देशमुख |
1 October 2010 |
हे फुलांचे उधान झाडांना... |
वैभव देशमुख |
16 August 2011 |
ही झाडे पेटवली कोणी....... |
वैभव देशमुख |
6 March 2009 |
चाहुलीची तुझ्या चमक... |
वैभव देशमुख |
14 February 2011 |
आपला स॑वाद... |
वैभव देशमुख |
10 January 2010 |
ये जवळ |
वैभव देशमुख |
15 October 2008 |
हवा |
वैभव देशमुख |
15 October 2008 |
क्षण तो सोसाट्याचा होता |
वैभव देशमुख |
6 June 2015 |
पुढे सरू की जाऊ मागे... |
वैभव देशमुख |
17 July 2010 |